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बुधवार, 19 जनवरी 2022

तेरा रुतबा मेरी ना होने से हैं...

तेरा रुतबा ना होता
होते तुम, "बेगम" मेहरबानी,
ख़्याल तेरा नायाब ना होता
गर होते तुम, "बेगम" मेहरबानी,
रूहानियत ना होती
लब्जो ओर शब्दों में
अगर होते तुम, मेरे "बेगम" मेहरबानी।।

इश्क जिस्मानी नही

इश्क़ कोई जिस्म या शारीरिक संबध नहीं इश्क़ वह रूह, रूहानियत होती है, जो... जिसका जिक्र संभव नहीं।