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मंगलवार, 10 अगस्त 2021

तू बेशक रूठी थी मुझ से
मनाने को भी राजी, मगर
इस "मुसाफ़िर" को कौन मनाएं
जो अब तक हैं खफा तुझ से।।

इश्क जिस्मानी नही

इश्क़ कोई जिस्म या शारीरिक संबध नहीं इश्क़ वह रूह, रूहानियत होती है, जो... जिसका जिक्र संभव नहीं।