फरिश्ता लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
फरिश्ता लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

बुधवार, 1 फ़रवरी 2023

हो आज भी तुम पास


तुम रूहानियत की मोहब्बत हो
इश्क़ के तुम खुदा हो, 
तुम एक ऐसे फरिश्ता हो जिसका जिक्र शब्दों में नहीं
ऎहसासों में होता है,
तुम वास्तव में मेरे खुदा हो, चाहे हो कहीं भी
पर, मौजूदगी उसकी (तुम्हारी) हर पल होती है
जहां में।।

फरिश्ता

ये पलकें ही क्यों हुई नम,
 ऐ गुलनार, तेरे इश्क़ में।
तुम कौन सा फ़रिश्ता हो
तेरे गम में जो ये झील, सदा ही डूबी रहती हैं।। 

इश्क जिस्मानी नही

इश्क़ कोई जिस्म या शारीरिक संबध नहीं इश्क़ वह रूह, रूहानियत होती है, जो... जिसका जिक्र संभव नहीं।