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बुधवार, 1 फ़रवरी 2023

इश्क़ देह नहीं


तुम जान तो ना थी मेरी, मगर जां से भी बड़ कर थे 
मसला तुम्हारी शख्सियत का नहीं,मेरी रूहानी चाहत (इश्क़) का हैं, वह चाहत ( इश्क़) जो देह धारी से परे हैं।।

इश्क जिस्मानी नही

इश्क़ कोई जिस्म या शारीरिक संबध नहीं इश्क़ वह रूह, रूहानियत होती है, जो... जिसका जिक्र संभव नहीं।