मौत दिन करीब। लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
मौत दिन करीब। लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

बुधवार, 19 जनवरी 2022

खुशनसीब तेरी हर सुबह। शुप्रभास।

शुप्रभास, तेरी इक और  सुबह की
मेरे मौत के दिन ओर करीब आने की,
तुझे, शुप्रभास।।

तेरे नाम की सुबह हुई हर रोज
बस! इक तू ही नही...

तेरी सुबह हुई, शायद मुझसे पहले
तेरी उसी सुबह को,
तेरी सुबह को फिर सलाम,
मुझसे भी खुश नसीब हैं।।

इश्क जिस्मानी नही

इश्क़ कोई जिस्म या शारीरिक संबध नहीं इश्क़ वह रूह, रूहानियत होती है, जो... जिसका जिक्र संभव नहीं।