तुम्हारा दिल, तुम्हारा मन
और तुम्हारी...
तुम्हारी हरकतों ने बयां कर दिया
कुछ तंगा हैं दिल में तेरे।।
जाहिर करती हैं हरकते तेरी
जो तेरे दिल में है, वहीं बात तेरी हरकतों में हैं।।
इश्क़ कोई जिस्म या शारीरिक संबध नहीं इश्क़ वह रूह, रूहानियत होती है, जो... जिसका जिक्र संभव नहीं।