वह रात थी हिज़्र की
शब ए हिज़्र की थी रात।।
ख़ुदा की खुदाई क्या होती हैं
बस...
गुलनार द मुसाफ़िर, प्रेम कहानी होती हैं।।
इश्क़ में मुकाम चाहे जो भी हो
मगर, इश्क़ मुकम्मल होना चाहिए।।
इश्क़ कोई जिस्म या शारीरिक संबध नहीं इश्क़ वह रूह, रूहानियत होती है, जो... जिसका जिक्र संभव नहीं।