रविवार, 23 जनवरी 2022


दुनियां चाहे कितना ही बहाना बनाएं
जो हक़ीक़त हैं, हक़ीक़त ही रहेगी।।

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इश्क जिस्मानी नही

इश्क़ कोई जिस्म या शारीरिक संबध नहीं इश्क़ वह रूह, रूहानियत होती है, जो... जिसका जिक्र संभव नहीं।