शनिवार, 22 जनवरी 2022

रंग बदलना तुम्हारा

देख लिया तुझे भी मैंने, रंग बजलू हो तुम भी
खुद पर आई तो इल्जाम मुझ पर सा संवार दिया।।

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इश्क जिस्मानी नही

इश्क़ कोई जिस्म या शारीरिक संबध नहीं इश्क़ वह रूह, रूहानियत होती है, जो... जिसका जिक्र संभव नहीं।