रविवार, 27 मार्च 2022

बंदगी तेरी

तुझे मांगा ना अपने लिए
तुझे चाहा ना अपने लिए!
तू बंदगी थी मेरी...
तू दुआओ में रहे सदा मेरे!!

तू खुश रहे, खुशहाल रहे,
और क्या चाहे मुझे।।।

सुहाग तेरा, दामन से भरा रहे।।

हर करवा चौथ की शुभकामनाएं
हे जानिब, ईकैट्रा दुआ है मेरी।।

उनके निशा

ये रास्ता,मार्ग
डगर, ये पगडंडी सा
निशां हैं तेरे,

रोना

  
रोना  हैं रोने दीजिए
अपना गुलाम ना बनाइए मुझे।।

वक्त

"मुसाफिर" को जिस दिन वक्त का साथ हुआ
जनाब पंछी को जमीनी पर ना उचरने दूंगा।।

दिल

तुम्हारा दिल, तुम्हारा मन
और तुम्हारी...

तुम्हारी हरकतों ने बयां कर दिया
कुछ तंगा हैं दिल में तेरे।।

जाहिर करती हैं हरकते तेरी
जो तेरे दिल में है, वहीं बात तेरी हरकतों में हैं।।

इश्क जिस्मानी नही

इश्क़ कोई जिस्म या शारीरिक संबध नहीं इश्क़ वह रूह, रूहानियत होती है, जो... जिसका जिक्र संभव नहीं।