रविवार, 27 मार्च 2022

रोना

  
रोना  हैं रोने दीजिए
अपना गुलाम ना बनाइए मुझे।।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

इश्क जिस्मानी नही

इश्क़ कोई जिस्म या शारीरिक संबध नहीं इश्क़ वह रूह, रूहानियत होती है, जो... जिसका जिक्र संभव नहीं।