बुधवार, 1 फ़रवरी 2023

होने न होने से क्या होता!


तुम होते तो क्या होता, गर तुम होते... तो क्या होता,
होने से क्या होता, और होने से... क्या होता,
तुम्हारी शख्सियत से क्या होता, तुम्हारी अदाओं से क्या, होता, तुम्हारी जिस्म जां से क्या होता,
तुम्हारी मोहब्बत से क्या होता, तुम्हारी आदाओ से क्या, होता, तुम्हारी नज़र की पहनाओ से क्या होता,
तुम्हारी गुलाब सी पंखुड़ियों से क्या होता,
 क्या होता, गर तुम होते मेरे।।

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इश्क जिस्मानी नही

इश्क़ कोई जिस्म या शारीरिक संबध नहीं इश्क़ वह रूह, रूहानियत होती है, जो... जिसका जिक्र संभव नहीं।