किसी के तुम हो किसी का खुदा हैं दुनियां में
मेरे नसीब में तुम भी नहीं खुदा भी नहीं।।
_ अख्तर सईद खान_
इश्क़ कोई जिस्म या शारीरिक संबध नहीं इश्क़ वह रूह, रूहानियत होती है, जो... जिसका जिक्र संभव नहीं।
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