शुक्रवार, 23 जुलाई 2021

 फिक्र ना मेरी खुद की, ना तेरी फिकर

फिकर हैं मेरे उस प्यार की, जो

काया और जिस्म जां से परे हैं।।

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इश्क जिस्मानी नही

इश्क़ कोई जिस्म या शारीरिक संबध नहीं इश्क़ वह रूह, रूहानियत होती है, जो... जिसका जिक्र संभव नहीं।