तू नेक थी, भक्ति भाव थी
तुझमें सारे वे गुण थे
जो तुम में ही होने चाहिए था
पर, तेरी नेकी,
इस जनाब के तकदीर को, रास ना आई।।
इश्क़ कोई जिस्म या शारीरिक संबध नहीं इश्क़ वह रूह, रूहानियत होती है, जो... जिसका जिक्र संभव नहीं।
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